प्रास्तावना

जन्म एवं मृत्यु संसार का शाष्वत नियम है, जो निर्वाध गति से चलता आ रहा है और चलता रहेगा। समाज एवं देश के सृजन, संवर्धन, मानवीय मूल्य की स्थापना एवं मार्ग दर्शन में कुछ मनुष्यों की प्रसंशनीय भूमिका रही है, जो एक नई दिशा प्रदान करती है, और पथ-प्रदर्शक के रूप में याद किए जाते हैं, एवं मानवीय मूल्यों के संरक्षक बन जाते हैं। लोग उनके विचारों और धारणाओं को अपने व्यवहारिक जीवन में धारण कर उस पथ के पथिक हो जाते हैं, जिनकी कृति मानवीय श्रेणी में स्मृति बन कर रह जाती है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के चतुर्मुखी विकासात्मक दौर, आर्थिक, धु्रवीकरण पश्चिमी सभ्यता के चकाचैंद में सामाजिक, पारिवारिक समरसता के विघटन से आज भारतीय समाज एवं संस्कृति शर्मसार हो रही है। जिनमें परिवार में वृद्धों के प्रति बच्चों की उदासीनता एक ज्वलंत उदाहरण है जिसका एक कारण नैतिक शिक्षाए, अध्यात्मिक्ता एवं परमात्मा के ज्ञान का अभाव भी है। समाज एवं परिवार से उपेक्षित वृद्धो के जीवन-यापन तथा सम्मान की रक्षा के साथ के साथ उनके माध्यम से उनके अनुभवों से समाज के नव-निर्माण में इस संस्था का कार्य एक छोटा-सा पहल है, ताकि आनेवाला कल भारत के व्यक्तियों, परिवार, समाज, प्रदेश तथा देश-विदेश के लिए सुनहरा सवेरा लेकर आये। फलतः समाज के युवा एवं वरिष्ठ नागरिकों के मान-सम्मान व सामाजिक सुरक्षा की दृष्टिकोण से जनहितार्थ इस फाउंडेशन एवं वृद्धाश्रम की स्थापना करने का विचार किया गया है। यह एक पवित्र भावना से प्रेरित होकर समाज की मुख्य धाराओं से मिलकर चलने हेतु एक प्रयास एवं पहल है, जो लोगों की सहायता व सहयोग के बल पर अग्रसर होने का संकल्प लिया जा रहा है। फलतः इस संस्था का निर्माण किया जा रहा है। इस संस्था का मूल उद्देष्य युवा पीढ़ी को साथ लेकर समाज सेवा करने के साथ-साथ अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हुये अपने गौरव मयी संस्कार को स्थापित रखने हेतु यह संस्था कायम की गई है। संसाधन मंडल इस संस्था का एक कार्यकारिणी समिति होगी जो संचालन मंडल कहलायेगी और संस्था का निति निर्धारण एवं प्रशासनिक कार्य, आय-व्यय का लेखा-जोखा एवं सभी उचित एवं वैधानिक क्रियाकलापों का संचालन करेगी। इस संस्था के मुख्य संस्थापक श्री राम कुमार होंगे, साथ ही पदेन अध्यक्ष एवं नियंत्रक तथा मार्गदर्शक भी होंगे, जो निर्देशक के रूप में होंगे। जिनके सलाहकार के रूप में अन्य सदस्य संचालन मंडल के सहयोगी सदस्य होंगे। हमारी संस्था का यह सुदूर, दुःसाहसिक छोटा सा प्रयास भारतीय मानचित्र पर एक छाप छोड़ते हुए एक नया आयाम एवं कृति कायम करने का प्रयास है।